Tally Prime Hindi - Accounting terminology Chapter 1#

 

Tally Prime 4.0 Hindi Chapter 1# Accounting terminology


Tally Prime Hindi 4.0
लेखांकन की शब्दावली - Accounting terminology


(1) व्यापार (Trade)

लाभ कामने के उदेश्य से किया गया वस्तुओ का क्रय विक्रय व्यापार कहलाता है

(2) पैशा (Profession)

आय अर्जित करने के लिए किया गया कोई भी कार्य या साधन जिसके लिए पूर्व प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है पैशा कहलाता है डॉक्टर, वकील, शिक्षक, इंजीनियर आदि द्वारा किया गया कार्य पैशा Profession कहलाता है



(3) व्यवसाय (Business)

ऐसा कोई व्यपारिक कार्य जो आय या लाभ प्राप्ति करने के उदेश्य से किया गया हो व्यवसाय कहलाता है व्यवसाय एक व्यापक शब्द है जिसके अंतर्गत उत्पादन का कार्य वस्तुओ या सेवाओं का क्रय विक्रय बेंक बिमा, परिवहन कंपनियों आदि आती है व्यापर और पैशा भी इसी के अंतर्गत आते है |

(4) मालिक (owner)

वह व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह जो व्यक्ति व्यापार में आवश्यक पूंजी लगाते है व्यापार का संचालन करते है व्यापार की जोखिम सहन करते है तथा लाभ व हानि के अधिकारी होते व्यापार के स्वामी कहलाते है यदि किसी व्यापार का मालिक दो या दो से अधिक है तो हिस्सेदार यानि Partner कहलाते है पर यदि बहुत सारे लोग मिलकर संघटित रूप से कम्पनी के रूप में कार्य करते हैं तो वे उस कम्पनी के अंश धारी यानि Share holder कहलाते है

(5) पूंजी (capital)

व्यापार का स्वामी जो रुपया माल या सम्पति व्यापार में लगाता है उसे पूंजी कहते है उदाहरण के लिए विकाश ने 20,000 रूपये नकद और 10,000 रूपये के माल से कपडे का व्यापार प्रारम्भ किया तो एसी स्थिति में उसकी इस व्यापर में लगी हुई पूंजी की राशी 30,000 रूपये होगी व्यापार में लाभ होने पर पूंजी बढती है और हानी होने पर पूंजी घटती है

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(6) माल (Goods)

माल उस वस्तु को कहते हैं जिसका क्रय विक्रय या व्यापार किया जाता है माल के अंतर्गत वस्तुओ के निर्माण हेतु प्राप्त कच्ची सामग्री या तेयार वस्तुये हो सकती है उदाहरण के लिए वस्त्र विकर्ता द्वारा खरीदा गया गन्ना वह निमिर्त शक्कर, furniture के व्यापारी द्वारा furniture बनाने के लिए खरीदी गई लड़की, वह तेयार furniture, अनाज के व्यापारी द्वारा खरीदा गया अनाज उन व्यापारीयो के लिए माल है

(7) आहरण (Drawings)

व्यापार का स्वामी अपने निजी खर्च के लिए समय समय पर व्यापार में से जो रूपये या माल निकालाता है वह उसका आहरण नीजी खर्च कहलाता है उदाहरण के लिए एक कपडे का व्यापारी है वह व्यापार में से अपने परिवार के सदस्यों के लिये 600 रूपये का कपड़ा ले लेता है तो यह उसका आहरण कहलायेगा यह विक्रय Sales नही माना जायेगा |

(8) क्रय (Purchase)

विक्रय Sales के उदेश्य से व्यापार में खरीदा गया माल क्रय Purchase या खरीदी कहा जाता है व्यापार में माल उधार या नकद खरीदा जा सकता है उदाहरण के लिये यदि कोई कपड़ा व्यापारी व्यापार के लिये कपडा खरीदता है तो वह क्रय के अंतर्गत आता है पर यदि वह अपनी दुकान के संचालन के लिये furniture खरीदता है तो यह क्रय यानि purchase के अंतगत नही आयेगा क्योकि यह furniture उसने अपनी दुकान के संचालन करने के लिये ख़रीदा है बेचेन के लिए नही |

(9) राजस्व (Revenue) & आय (Income)

Gooods & Service को मार्किट में sale करने पर उससे जो प्राप्ति होती हैं वह Revenue कहलाती हैं और इस Revenue से Expenses को हटाने के बाद जो राशी बचती हैं उसे लाभ या income कहते हैं

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(10) लेन-देन (transaction)

व्यापार में माल सम्बन्धी क्रय विक्रय और वस्तुओ का पारस्परिक आदान प्रधान होता हैं ऐसे सभी लेन देन मुद्रा में होते हैं या मुद्रा द्वारा मापे जा सकते हैं मुद्रा का भुगतान तुरंत या भविष्य में हो सकता हैं व्यापारी द्वारा किये जाने वाले सभी आदान प्रदान लेन देन कहलाते हैं जब सोदे का तुरंत भुगतान किया जाता हैं तब वह नगद लेन देन यानि cash Transaction कहलाता हैं और जब भुगतान भविष्य में किया जाता हैं तब उसका उधार लेन देन यानि Credit Transcation कहलाता हैं
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